आजकल का बेतुका आकलन शिक्षा का मजाक उड़ा रहा है. बाहरी दुनिया का सामना करने के लिए ये तैयारी अधूरी है. शत प्रतिशत अंक सुरक्षा की गारंटी नहीं देते हैं.